श्रीनगर । भारतीय सेना की सर्जिकल स्ट्राइक के बाद एक बार फिर से उरी सेक्टर में एक बड़े आतंकी हमले की आशंका जताई जा रही है । खबर है कि नियंत्रण रेखा के साथ सटे उरी सेक्टर में तकरीबन 8-10 आतंकियों ने रविवार को घुसपैठ की है। इस सबके बीच घाटी में पैरा कमांडो का एक दस्ता पहुंच गया है । इलाके में तलाशी अभियान चलाया जा रहा है । इस बीच उरी सेक्टर में आज मंगलवार को भी मोबाइल और इंटरनेट सेवाएं बंद रखी गई हैं । सेना की 15वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल डीपी पांडेय ने भी उरी में सैन्य अभियान की पुष्टि की है। इस दौरान ऐसी भी आशंका जताई जा रही है कि ये आतंकी उरी हमले की तारीख पर ही दोबारा बड़े आतंकी हमले को अंजाम देने आए थे , लेकिन फेल होने पर जंगलों की ओर भाग गए हैं ।
भारतीय सैन्य दल पर हमले की आशंका
जानकारों का कहना है कि ये आतंकी पूर्व में हुए उरी हमले की तरह की एक बड़े हमले की साजिश करके आए होंगे । इन दहशतगर्दों का निशाना एलओसी पर गश्त करने वाले किसी भारतीय सैन्य दल या फिर किसी अग्रिम चौकी होगी । लेकिन घुसपैठ करने वाले इन आतंकियों को भारतीय जवानों ने देख लिया और उसके बाद इनकी मुठभेड़ हुई , जिसके बाद ये जंगलों की ओर भाग गए ।
बारिश की आड़ में जंगल में भागे थे आतंकी
विदित हो कि रविवार तड़के उरी सेक्टर की अंगूरी पोस्ट इलाके में स्वचालित हथियारों से लैस आतंकियों के एक दस्ते ने घुसपैठ की साजिश रची । हालांकि इसकी भनक भारतीय जवानों को लग गई , जिसके बाद दोनों के बीच मुठभेड़ हुई। इस दौरान एक जवान जख्मी हो गया । लेकिन बारिश का सहारा लेते हुए आतंकी जंगल की ओर भाग गए।
सेना ने लगाए विशेष नाके
इस दौरान सेना के अफसरों का कहना है कि उड़ी सेक्टर से कश्मीर के अंदरूनी इलाकों की तरफ आने वाले सभी प्रमुख रास्तों व नालों में भी विशेष नाके लगाए गए हैं। जहां घुसपैठ हुई है, उस पूरे इलाके में घेराबंदी है। सेना अपने खोजी कुत्तों की भी मदद ले रही है। उड़ी के अग्रिम इलाकों में स्थित बस्तियों में संदिग्ध तत्वों और आतंकियों के पुराने गाइडों की भी निगरानी की जा रही है।
आज भी जारी है सर्च ऑपरेशन
बहरहाल , कल की तर्ज पर आज भी पैरा कमांडो की एक टीम इलाके में सर्च ऑपरेशन चला रही है । घुसपैठियों की तलाश में सैन्य अभियान मंगलवार को को लगातार जारी है । एहतियात के तौर पर स्थानीय प्रशासन ने उरी और बारामुला के विभिन्न हिस्सों में इंटरनेट और मोबाइल फोन सेवा बंद कर दी है। ऐसा करने से एक तो ये दहशतर्ग किसी स्थानीय शख्स की मदद नहीं ले सकेंगे , न ही अफवाहें यहां उड़ सकेंगी ।
बीते 7-8 सालों में सबसे बड़ी घुसपैठ
इस घुसपैठ को लेकर कहा जा रहा है कि यह बीते 7-8 साले में नियंत्रण रेखा पर सबसे बड़ी घुसपैठ है । स्थानीय लोगों से मिले इनपुट के अनुसार , उस घुसपैठ करने वाले आतंकियों की संख्या 10 के करीब हो सकती है । सेना के मुताबिक घुसपैठ रविवार तड़के हुई है, लेकिन कुछ जानकारों का कहना है कि 2016 में 18 सितंबर की सुबह ही लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों ने उरी ब्रिगेड मुख्यालय पर हमला किया था , ऐसे में आशंका है कि उन्होंने उसी तारीख को फिर से बड़े हमले की साजिश के तहत घुसपैठ की हो ।